आज हम जानेगे hold o care  क्या है     


  होल्ड केयर यह एक आयुर्वेदिक दवाई है यह पूरी तरह से जड़ी बूटियों से बनाई गाई है हमारे शरीर का निर्माण करने वाले तत्वों में धातुओं का मह्ताव्पूर्ण स्थान है.ये शरीर का पोषण और निर्माण करते है साथ ही शरीर की संरचना में सहायक होते हैं.इसलिए इन्हे धातु कहा जाता है आयुर्वेदिक में सात प्रकार की धातुओं के बारे में बताया है हमरे शरीर की संरचना इन्ही सांत धातुओं से मिलकर हुई है.


धातु रोग में शुक्र नामक धातु का क्षीय होता है इसलिए इस रोग का नाम धातु रोग पड़ा है 

 रोग रस धातु -रस धातु का निर्माण पाचन तंत्र में होता है और फिर ये रस रक्त  दारा पुरे शरीर में फैल जाता है. दोषो में गड़बड़ी होने पर धातु के स्तर में भी बदलाव होने लगता है. दोष में असंतुलन धातु को प्रभावित करता है 


मांस धातु- मांस धातु का मुख्य कार्य है जैसे मकान को बनाने में सीमेंट या मिट्टी से लेप किया जाता है वैसे ही शरीर के निर्माण में मासपेशियो का लेपन होता है. मासपेशियो से शरीर को शक्ति मिलती है ये शरीर के पुरे ढांचे को सुरक्षा प्रदान करता है. 


मेद धातु- मेद धातु का तातपर्य शरीर में मौजूद वसा फैट से है. वसा का हमारे शरीर में महत्वपूर्ण रोल है.


अस्थित धातु- हमारे शरीर का ढांचा हड्डियों से ही निर्मित होता है. इसी के आधार का निर्धारण होता है और शरीर स्वस्थ रहता है.


मज्जा धातु-मज्जा धातु का मतलब शरीर में मौजूद बोनमैरो से है. शरीर में मौजूद हड्डियों के भीतर जो खाली जगह और छिद होते है उनमे बोनमैरो भरा हुआ रहता है. बोनमैरो हड्डियों के जोड़ो के बिच चिकनाई का काम करती है उन्हें मजबूत बनती है.


शुक्र धातु- शुक्र धातु का मुख्य काम संतान उतपत्ति करना है. विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण, वीरता, निडरता, संभोग के समय वीर्य का निकलना आदि शुक्र धातु के कारण ही संचालित होती है.


रक्त-रक्त हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है.इसकी मदद से बाकी सभी अंगो को पोषण मिलता है. यह धातु रंग को निखारता है रक्त से आगे ही सभी धातुओं के पोषक तत्व मिले हुए होते है.



धातु रोग के लक्षण 

पेशाब या मल त्याग के बाद वीर्य की या दो बूंदो का निकल जाना जिसे कटरा आना भी कहते है.

सेक्स के विचार मात्रा यानी ख्याल आने से वीर्य की एक दो बूंद का निकल जाना. 

लिंग से चिचिपा पानी आना 


होल्ड केयर दवाई जो कि कैप्सूल के रूप में है सही इस्तेमाल से धातु रोग डॉ होता है, वीर्य पुष्ट होता है और शरीर में बल विर्दी होती है 


होल्ड केयर में ग्यारह जड़ी बूटिंया होती है जो इस प्रकार है 

१ अश्वगन्धा २ कीकर गोंद ३ गोखरू ४ सफ़ेद मूसली ५ काली मूसली ६ कौंच बीज७  गाजर ८ आवला९ इमली, १० जायफल ११ मष्पर्णी  


हम आपको दो तीन जड़ी बूटीयो के बारे में जानकारी देंगे  

यह सभी जड़ी बूटियां उत्तम वाजीकर होती हैं. शरीर की मासपेशियो को मज़बूत बनती हैं और धातु रोग दूर करती हैं. 


 अश्वगंधा- अश्वगंधा एक ताकतवर आयुर्वेदिक जड़ी- बूटी हैं इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने में किया जाता हैं 

अश्वगंधा का इस्तेमाल शरीर को जवान बनाए रखने में किया जाता हैं. आयुर्वेदिक नुस्खों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता हैं 


सफ़ेद मूसली- सफ़ेद मूसली एक ऐसी शक्तिवर्धक जड़ी- बूटी हैं इसका मुख्य इस्तेमाल सेक्स पवार बढ़ाने के लिए किया जाता हैं यह बरसात के मौसम में अपने आप उगती हैं लेकिन इसकी उपयोगिता को देखते हुए अब पुरे देश में मूसली की खेती की जाती हैं 


कौंच बीज- कौंच बीज एक पौधा होता हैं जिस पर काले और सफ़ेद रंग के बीज आते हैं जिन्हे कौंच बीज कहते हैं कौंच की जड़ आदि पत्तो का इस्तेमाल किया हैं कौंच के बीजो को आयुर्वेदिक दवाइयों में भी इस्तेमाल किया जाता हैं जैसे कि होल्ड केयर दवाइयों में कौंच बीज का इस्तेमाल होता हैं आदि जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल किया जाता हैं जो हमने आपको बताया हैं. 



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