आइये जानते है मकोय क्या है
खासतौर पर छाया में उगने वाला पौधा होता है यह खरपतवार होता
हैं मकोय
का पेड़ जिस पर लाल, पीला, बैगनी, काले, रंग के
फूल टमाटर की तरह देखने को मिलते है मकोय का अंग्रेजी नाम garden nightshade होता हैं मकोय का पौधा हर जगह आसानी से मिल जाता है.
मकोय के पत्ते लाल मिर्च के पत्तो की तरह तथा हरे रंग के होते है. इसके फूल आकर में छोटे और सफ़ेद रंग के होते हैं. इस पौधे पर साल भर फूल और फल देखने को मिलते है मकोय का फल कच्चा होने पर हरे तथा पकने पर लाल, पीला, बैगनी, काले, रंग का होते है. इसके बीज बहुत सारे चिकना और टमाटर के बीज जिस होते है.
मकोय के क्या फायदे है-
खुनी बवासीर में मकोय के फायदे
खुनी बवासीर में मकोय के पत्तो को साफ़ करके ताज़ा रस निकलकर अधिक मात्रा में इस्तेमाल करें 15 ग्राम की मात्रा में पत्तो को पीसकर सुबह-शाम मस्सो पर लेप करने से खुनी बवासीर में बहुत लाभदायक होता है
बुखार में मकोय के फायदे-
बुखार में परेशान मरीज़ को मकोय का काढ़ा बना कर सुबह-शाम दो तीन दिन लगातार सेवन करने से बुखार जल्दी ठीक हो जाता है
मकोय का फायदा पीलिया में
20 से 30 ग्राम मकोय का काढ़े में हल्दी का 2 से 5 ग्राम डालकर पीने से पीलिया में फायदा होता है.
त्वचा पर लाल चकते पड़ने पर मकोय के इस्तेमाल-
त्वचा पर लाल चकते होना या फिर किसी प्रकार की एलर्जी होने पर मकोय का इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योकि की मकोय में रक्तशोधक के गुण पाया जाता हैं जो त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता हैं.
मकोय के इस्तेमाल किये जाने वाले भाग-
मकोय की जड़, मकोय का तना, माको के पत्ते, मकोय के फूल, मकोय का फल, मकोय का चूर्ण, आदि मकोय के इस्तेमाल किये जाने वाले भाग हैं.
मकोय के नुक्सान-
मकोय का इस्तेमाल बिना सोचे समझे न करे इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें
क्योकिं मकोय के कच्चे फल में सोलेनिन नमक विषैला पदार्थ होता हैं
बच्चे मकोय का कच्चा फल खा लेते हैं तो मर जाते हैं
अर्क मकोह के फायदे-
पेट की बीमारियों के लिए एक असरदार दवा हैं जिसे ज़्यादातर यूनानी में इस्तेमाल किया जाता हैं.
पैरो की सूजन, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, खांसी, पेशाब, की समस्या और बुखार में बहुत फायदेमंद होता हैं.
अर्क मकोह की तासीर-
तासीर में इसे नार्मल ठंडा मान सकते हैं यह सूजन को दूर करने वाला यानी लिवर की समय को दूर करने में फायदेमंद होता हैं
अर्क बनाने की विधि-
इसमें मकोह और पानी ही मिला होता हैं. बनाने का तरीका यह होता हैं 500 ग्राम मकोह के फल को 10 लीटर पानी में 24 घंटे भिगोने के बाद अर्क निकलने वाली मशीन से 2-5 लीटर तक अर्क निकाल लिया जाता है.
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